Kanya Sumangala Yojana: कन्या सुमंगला योजना के तहत बेटियों को 15,000 की सौगात प्रधान की गई है. इस योजना के तहत जिस परिवार की वार्षिक आय 3 लाख से कम है उन परिवार की बेटियों को जन्म से स्नातक में दाखिले तक पांच चरणों में 15,000 रूपये की सहायता प्रधान की जाएगी.
पहले इस योजना के लिए 1.80 लाख रूपये की आय निर्धारित थी. बाद में मुख्यमंत्री ने इसे बढ़ाकर 3 लाख वार्षिक रूपये कर दी। इस प्रकार अब जिन परिवार की मासिक आय 25000 रूपये है वे भी इस योजना का लाभ उठा सकते है।
कन्या सुमंगला योजना (Kanya Sumangala Yojana) में इस प्रकार मिलेगा लाभ –
पहला चरण – जिन नवजात बालिकाओं का जन्म 01 अप्रैल 2019 या उसके बाद हुआ है, उन परिवार को 2000 रूपये की राशि प्रधान की जाएगी।
दूसरा चरण – इस चरण में उन बालिकाओं को शामिल किया गया है जिनका 1 वर्ष के अंदर सम्पूर्ण तरीके से टीकाकरण किया गया है और साथ ही उनका जन्म 01 अप्रैल 2018 से पहले ना हुआ हो, उनको 1000 रुपये की धनराशि दी जायेगी।
तीसरा चरण – इस चरण में उन बालिकाओं को शामिल किया गया है जिन्होंने प्रथम कक्षा में प्रवेश किया है, उनको 2000 रुपये की धनराशि से लाभान्वित किया जाएगा।
चौथा चरण – इस चरण के लाभान्वित बालिकाओं को कक्षा छः में प्रवेश करने के बाद 2000 रुपये की धनराशि प्रधान की जाएगी।
पांचवा चरण – इसने बालिकाओं को 3000 रुपये की धनराशि कक्षा नोवी (9th) में प्रवेश के बाद दी जाएगी।
छठा चरण – इस चरण में उन बालिकाओं को शामिल किया गया है जिन्होंने कक्षा 10वीं/12वीं उतीर्ण करके स्नातक डिग्री या कम से कम दो वर्षीय डिप्लोमा में प्रवेश लिया है उनको 5000 रुपये की धनराशि से लाभान्वित किया जाएगा।
किस किस को मिलेगा कन्या सुमंगला योजना (Kanya Sumangala Yojana) का लाभ
इस योजना का लाभ उठाने वाला परिवार उत्तर प्रदेश का निवासी हो, ओर उसके पास स्थाई निवास (Domicile) हो, इसमे राशन कार्ड/वोटर कार्ड/बिजली बिल/टेलीफोन बिल/आधार कार्ड मान्य होगा।
लाभार्थि परिवार की वार्षिक आय 3 लाख रुपये या उस से कम हो।
इस (Kanya Sumangala Yojana) योजना का लाभ एक परिवार की केवल दो ही बालिकाओं को लाभ मिलेगा।
साथ ही परिवार में दो बच्चे हो।
यदि किसी महिला को जुड़वाँ बच्चे होने पर तीसरी संतान के रूप में लड़की को भी लाभ मिलेगा।
यदि किसी महिला को दूसरे प्रसव के समय जुड़वाँ बालिकायें होती है तो केवल इसी अवस्था मे तीनो बालिकाओं को लाभ मिलेगा।
यदि किसी परिवार ने किसी अनाथ बालिका को गोद लिया है तो परिवार की अपनी ओर गोद ली गई सन्तान दोनो को शामिल करते हुए अधिकतम दो बालिकाओं को ही लाभ मिलेगा।